विधा: कविता
शीर्षक: आइसक्रीम का प्यार
हो रही ग्रीष्म मौसम के क्लेवर की पुकार,
ले लो आइसक्रीम हर फ्लेवर इक बार ..!
गली ,नुक्कड़ ,घर , चौराहा घर या शहर,
पिघलता आइसक्रीम का जमा हुआ प्यार ..!
दूर दराज रेड़ी ,साईकिल वा ठेली,
मनपसंद स्वाद की अपनी सहेली ..!
अमूल , क्वालिटी वॉल्स् ,डेरी मिल्क ,मदर डेरी,
छलकती नाम ब्रांडेड देसी लगी छतरी ..!
ना दिखे जेब स्वाद के आगे ,
महंगे सौदे में, सस्ते समझौते लगे ..!
आइसक्रीम के ठेले पर लगी सूची विशेष ..!
क्लेवर ,फ्लेवर में एक से बढ़कर एक ..!
रंग -बिरंगी स्वाद की अनोखी दुनियां,
हर वर्ग के लोग लेते ,जायका पसंदीदा..!
सुमधुर घंटियों का बजना टन -टन,
छोटे नन्हें मुन्नों का निकलना उस क्षण ..!
ग्रीष्म की बहार ,झुलसती गर्मी की पुकार ,
आइसक्रीम का प्यार है सदाबहार ..!
ललचाए मन को आइस्क्रीम का बुखार ,
दिल की मल्लिका बनी गर्मियों की बहार..!
#लेखनी
#लेखनी काव्य
#लेखनी काव्य संग्रह
सुनंदा ☺️
Seema Priyadarshini sahay
11-Mar-2022 05:06 PM
वाह मैम बहुत खूब
Reply
Sunanda Aswal
11-Mar-2022 07:16 PM
धन्यवाद हृदय से आभार 🌺
Reply
Swati Sharma
10-Mar-2022 11:55 AM
बहुत सुंदर
Reply
Gunjan Kamal
10-Mar-2022 10:57 AM
शानदार प्रस्तुति 👌
Reply